Bhimrao Ambedkar: संविधान के निर्माता, दलितों के मसीहा और मानवाधिकार आंदोलन के प्रकांड विद्वता बाबा साहेब डॉक्टर भीमाराव अंबेडकर का जन्मदिवस हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है। डॉ. अंबेडकर की जयंती पर उनके जनकल्याण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया जाता है।
वह लोकप्रिय रूप से बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से जाने जाते थे, जिसे Father of the Indian constitution भी कहा जाता है। अर्थात् हमारे इण्डियन कंस्टीट्यूशन के निर्माण में उनका सबसे अहम योगदान था।
Bhimrao Ambedkar दलित होते हुए भी सारे जाति, धर्म व लिंग के लिए समान क़ानून लाए थे। उन्होंने अछूतों (दलितों) के सामाजिक भेदभाव के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। देश में दलितों के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए लड़ाई लड़ी।
भीमाराव अंबेडकर जी पढ़ाई में बहुत अच्छे थे। उन्होंने भारी चुनौतियो के होते हुए भी कई क्षेत्रों की पढ़ाई कि और उन क्षेत्रों में डिग्री व डॉक्टर की उपाधि भी प्राप्त की।
आज हम आपको डॉक्टर भीमाराव अंबेडकर के कुछ ऐसी चीज़ के बारे में बतायेंगे जो आपको पता होनी चाहिए –
1. doctor Bhimrao Ambedkar independent India के पहले law minister थे, ये तो सायद आपको पता ही होगी पर आपको पता है इनकी economic expertise ने बहुत important role play किया था Reserve Bank of India के establishment में।
2. बाबा साहेब पहले ऐसे Indian थे जिन्होंने universal adult franchise, मतलब हर adult के पास right to vote होना ही चाहिए, चाहे वो किसी भी gender या caste का हो।इसके लिए आवाज़ उठाई थी।
3. इसके साथ ही industrial workers के लिए equal pay for equal work लेकर आए थे।
4. वो South Asia के पहले PHD holder in economics भी बने थे।
5. काफी सारे progressive laws especially women के लिए इन्होंने ही frame किये थे।
6. इसके साथ ही labours का working hours बारह घंटे से कम करके आठ घंटे करने का credit भी इन्हें ही जाता है।
7. और जब उनके बनाए हुए हिन्दू code bill को नेहरू जी ने reject कर दिया था, तब उन्होंने law minister की position से resign कर दिया। उनका बनाया हुआ bill women की equal rights के बारे में बात करता था। ancestral property में right of widows के बारे में।
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