Olympics 2024: इस समय पूरी दुनिया की नजरें विश्व के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक पेरिस पर टिकी हैं और इस बार वजह एफिल टावर (Eiffel Tower) नहीं बल्कि यहां हो रहे ओलंपिक गेम्स है इस बार का ओलंपिक (Olympics) फ्रांस में आयोजित हुआ है सीन नदी के तट पर दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ी अपने बेस्ट प्रदर्शन के लिए एकत्रित हो चुके हैं खिलाड़ियों के अलावा हजारों दर्शक भी पेरिस पहुंच गए हैं ।
ओलंपिक (Olympics) खेलों में शामिल होना किसी भी खिलाड़ी के लिए गौरव की बात है । पेरिस ओलंपिक 2024 फ्रांस में आयोजित होने वाला अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है और इसका आयोजन 26 जुलाई से 11 अगस्त तक किया गया है । इस बार के ओलंपिक में बहुत कुछ खास है पहली बार ओलंपिक खेलों में महिला और पुरुष खिलाड़ियों की संख्या समान होगी साथ ही आयोजन में भी तकनीक के स्तर पर कुछ आधुनिक परिवर्तन किए गए हैं ।
ओलंपिक खेलों का इतिहास :
व्यवस्थित खेल प्रतियोगिताओं में सबसे प्राचीन प्रतिस्पर्धा ओलंपिक गेम्स ही है ओलंपिक गेम्स की शुरुआत प्राचीन ग्रीस में हुई थी यह खेल पहली बार 776 ईसा पूर्व में ओलंपिया नामक स्थान पर आयोजित हुई थी यह खेल ज्यूस देवता के सम्मान में आयोजित किए जाते थे ये खेल हर 4 साल बाद आयोजित होते थे और इनमें केवल पुरुष ही भाग ले सकते थे ।
ओलंपिक गेम्स की प्रतियोगिताएं :
ओलंपिक गेम्स में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं होती थी जैसे – दौड़, लंबी कूद, चक्र फेंक, भाला फेंक, कुश्ती और घुड़सवारी यह खेल प्राचीन ग्रीक समाज में बहुत महत्वपूर्ण थे और धार्मिक सांस्कृतिक और राजनीतिक जीवन का हिस्सा थे ।
394 ईसवी में रोमन सम्राट थियो डोसियर ने ओलंपिक गेम्स के आयोजन को समाप्त कर दिया था क्योंकि वे इसे ग्रीस के पागान धर्म का हिस्सा मानते थे इस प्रकार प्राचीन ओलंपिक खेलों का अंत हो गया था इसके बाद लंबे समय तक ओलंपिक खेलों का आयोजन नहीं किया गया ।
आधुनिक ओलंपिक खेलों के पुनरुत्थान की कहानी 19वीं सदी के अंत में शुरू होती है वर्ष 1894 में पियरे डी कूबर्टिन नाम के एक फ्रेंच शिक्षाविद ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की स्थापना की । उनके प्रयासों से 1896 में एथेंस, ग्रीस में पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया था इन खेलो में 14 देशो के 241 एथलीट्स ने भाग लिया और 9 खेलों में मुकाबले हुए ।
आधुनिक ओलंपिक गेम्स का उद्देश्य :
आधुनिक ओलंपिक गेम्स का उद्देश्य विभिन्न देशों और संस्कृतियों के बीच शांति और मित्रता को बढ़ावा देना था पियरे डी कूबर्टिन को फादर ऑफ मॉडर्न ओलंपिक्स भी कहा जाता है ओलंपिक खेलों का एक आकर्षण उसकी मशाल और मशाल रिले भी है ।
मशाल और रीले की विशेषता :
ओलंपिक मशाल, ओलंपिक खेलों की समृद्ध विरासत का एक अभिन्न हिस्सा है यह एक प्रतीक है जो प्राचीन ग्रीक ओलंपिक (Olympics) खेलों से लेकर आधुनिक ओलंपिक खेलों तक की एकता और शांति को प्रदर्शित करता है मशाल रिले के दौरान मशाल ओलंपिक खेलों की घोषणा करती है और लोगों के बीच शांति और दोस्ती का संदेश फैलाती है ।
ओलंपिक मशाल की परंपरा :
ओलंपिक मशाल की परंपरा प्राचीन ग्रीस में ओलंपिया में शुरू हुई थी वहां ज्यूस और हेरा देवी की पूजा के दौरान एक पवित्र अग्नि को जलाया जाता था जो ओलंपिक खेलों के समाप्त होने तक जलती रहती थी । यह अग्नि शक्ति पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक मानी जाती थी आधुनिक ओलंपिक खेलों में मशाल की परंपरा 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक में शुरू हुई लेकिन मशाल रिल की परंपरा 1936 के बर्लिन ओलंपिक से शुरू हुई ।
इस परंपरा के अनुसार ओलंपिक (Olympics) मशाल को ओलंपिया ग्रीस में प्रज्वलित किया जाता है और फिर इसे रिले के माध्यम से मेजबान शहर तक पहुंचाया जाता है मशाल रिले एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें ओलंपिक मशाल को विभिन्न देशों, शहरों और समुदायों के माध्यम से यात्रा कराई जाती है ।
यह रीले ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में मशाल को मेजबान शहर के मुख्य स्टेडियम में लाकर समाप्त होती है जहां इसका उपयोग ओलंपिक कॉल्ड्रन को प्रज्वलित करने के लिए किया जाता है यह कॉल्ड्रन ओलंपिक खेलों के समापन तक जलता रहता है ।
प्रत्येक ओलंपिक खेल के मशाल की अपनी विशिष्ट डिजाइन होती है जो मेजबान देश की संस्कृति परंपरा और आधुनिकता को दर्शाती है 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए मशाल रेले फ्रांस के विभिन्न ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाएगी । पेरिस ओलंपिक (Olympics) की मशाल रिले में स्थायित्व और पर्यावरणीय संवेदनशीलता पर विशेष ध्यान दिया गया है ।
भारत का ओलंपिक में सफर :
लेकिन सवाल है कि भारत का ओलंपिक में अब तक सफर कैसा रहा है भारत के ओलंपिक खेलों में शामिल होने की शुरुआत हुई थी 124 साल पहले और दिलचस्प बात यह है कि इस सफर की शुरुआत भी पेरिस से ही हुई थी भारत ने पहली बार वर्ष 1900 के पेरिस ओलंपिक में भाग लिया जिसमें केवल एक एथलीट नॉर्मन प्रिचार्ड ने भारत का प्रतिनिधित्व किया और दो रजत पदक जीते हालांकि 1920 के एंटवर्प ओलंपिक से भारत ने नियमित रूप से ओलंपिक खेलों में भाग लेना शुरू किया है ।
भारत का पहला स्वर्ण पदक 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक में आया जिसमें भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्वर्ण पदक जीता इसके बाद भारतीय हॉकी टीम ने वर्ष 1932 ,1936 ,1948 ,1952, 1956 ,1964 और 1980 में भी स्वर्ण पदक जीते जिससे भारत दुनिया में हॉकी के क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बन गया ।
इसके बाद वर्ष 2008 की बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत के लिए पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक हासिल किया उनकी इस जीत ने भारतीय खेलों में एक नई उम्मीद जगाई और अन्य खेलों में भी उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया ।
भारत की महिला एथलीट्स ने भी ओलंपिक में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है 2016 के रियो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में रजत पदक और साक्षी मलिक ने कुश्ती में कांस्य पदक जीता इन खिलाड़ियों ने भारत में महिलाओं की खेल को प्रोत्साहन दिया और उनकी उपलब्धियों ने पूरे देश को गर्वित किया उल्लेखनीय है कि पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत की ओर से शरद कमल और पीवी सिंधू ध्वजवाहक होंगे ।
ओलंपिक 2024 की मुख्य विशेषताएं क्या-क्या हैं :
इस साल ओलंपिक खेल पेरिस फ्रांस में आयोजित किया गया है यह तीसरी बार है जब पेरिस इस खेल की मेजबानी कर रहा है इससे पहले साल 1900 और 1924 में भी पेरिस ने ओलंपिक खेलों की मेजबानी की थी इस साल आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों में पहली बार पुरुष और महिला एथलीटों की संख्या बराबर होगी पेरिस ओलंपिक खेल का आयोजन 35 स्थानों पर किया जाएगा ब्रेक डांसिंग पहली बार ओलंपिक खेलों का हिस्सा बनेगी पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों के लिए पर्यावरणीय स्थिरता पर भी विशेष ध्यान दिया गया है ।
आयोजन के दौरान कार्बन फुटप्रिंट को न्यूनतम करने के प्रयास किए जा रहे हैं पेरिस 2024 शुभंकर का नाम ओलंपिक फ्रीज है जो पारंपरिक छोटी फ्रीजियन टोपियो पर आधारित है इसके अलावा भी 2024 की पेरिस ओलंपिक (Olympics) के लिए कई विशेषताएं हैं ।
पेरिस ओलंपिक में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि आयोजन के दौरान पर्यावरण का कम से कम नुकसान हो आयोजन समिति ने यह दावा किया है कि यह ओलंपिक खेल कार्बन न्यूट्रल होंगे और उनमें स्थाई संसाधनों का उपयोग किया जाएगा साथ ही इस साल ओलंपिक में कुछ नए खेलों का समावेशन भी होगा जैसे – ब्रेक डांसिंग, स्केटबोर्डिंग, सर्फिंग और स्पोर्ट क्लाइंबिंग ।
यह खेल युवा पीढ़ी के बीच लोकप्रिय हैं और इन्हें शामिल करने से ओलंपिक की आकर्षक क्षमता बढ़ेगी । आयोजन के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम संगीत समारोह और प्रदर्शनी आयोजित किया गया है जिससे दुनिया भर के लोग फ्रांसीसी संस्कृति का अनुभव कर सकेंगे ।
पेरिस ओलंपिक के आयोजन में नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया गया है इसमें स्मार्ट स्टेडियम उच्च गति की इंटरनेट कनेक्टिविटी (internet connectivity) और उन्नत सुरक्षा व्यवस्था शामिल है इसके साथ ही दर्शकों के अनुभव को और भी बेहतर बनाने के लिए वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी का उपयोग किया गया है ।
पेरिस ओलंपिक में समानता और समावेशन पर विशेष ध्यान दिया है महिला और पुरुष एथलीट्स के बीच समान पदक प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं इसके अलावा पैरा ओलंपिक खेलों को भी अधिक महत्व दिया जाएगा जिससे विकलांग एथलीट्स को भी समान अवसर मिल सके ।
ओलंपिक गेम्स खेल जगत की अमूल्य विरासत :
ओलंपिक गेम्स खेल जगत की अमूल्य विरासत है जो विश्व के सभी बेहतरीन खिलाड़ियों को एक मंच प्रदान करती है ओलंपिक (Olympics) गेमस सदियों से चली आ रही खेल की वह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है जिसमें विश्व के लगभग सभी खिलाड़ी एक बार जरूर शामिल होना चाहते हैं ग्रीस से शुरू हुई यह विरासत आज पूरी दुनिया के खिलाड़ियों और दर्शकों की सबसे प्रिय खेल प्रतियोगिता बन गई है ।
ओलंपिक खेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया के सभी देशों को निकट भी लाते हैं जिससे देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय संबंध और सहयोग में भी वृद्धि होती है ओलंपिक गेल्स खेल परंपरा और टीम भावना को प्रोत्साहित करते हैं और यह संदेश देती हैं कि खेल को जीतने से अधिक जरूरी है खेल को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ खेलना । पेरिस ओलंपिक भी इस प्राचीन विरासत और समृद्ध खेल संस्कृति को एक कदम और आगे बढ़ाएगा ।
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