देश के 11 वें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भारत के मिसाइल मैन (Missile Man) के नाम से भी जाना जाता है । एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अब्दुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम था । यह वह शख्सियत थे जिन्होंने भारत को पहली मिसाइल दी थी ।
एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) ने 2002 से 2007 के बीच भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति के रूप में काम किया । एपीजे अब्दुल कलाम को देश के सर्वोच्च रत्न भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था ।
अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था । अब्दुल कलाम पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे । उनके पिता एक नाव चालक थे जो हिंदू तीर्थ यात्रियों को लाने और ले जाने का काम करते थे । उनकी मां एक गृहिणी थी जब अब्दुल कलाम 10 साल के थे तो वह तमिलनाडु में अपने गृह नगर रामेश्वरम में अखबार बेचा करते थे । डॉक्टर कलाम धर्म से मुसलमान थे लेकिन वह दिल से एक धर्मनिरपेक्ष अपराधी थे उनका मानना था कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है ।
एपीजे अब्दुल कलाम ने देश-विदेश के 48 विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी अब्दुल कलाम 1963 में नासा गए थे । जिसके बाद उन्होंने एक PSLV और SLP थर्ड प्रोजेक्ट डेवलप किया था । ये दोनों सेटेलाइट सफल साबित हुए थे ।
एपीजे अब्दुल कलाम 1992 से 1999 यानि 7 सालों तक पीएम के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और DRDO के सचिव रहे थे । एपीजे अब्दुल कलाम ने 1998 के पोखरण द्वितीय परमाणु परीक्षणों में अहम भूमिका निभाई थी । वैज्ञानिकों की पूरी टीम को उन्होंने लीड किया था इसके अलावा भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और मिसाइल विकास कार्यक्रम से भी वह जुड़े रहे थे ।
भारत की मिसाइल परियोजनाओं के विकास में कलाम की योगदान के लिए उन्हें मिसाइल मैन (Missile Man) कहा जाता है अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास और संचालन का श्रेय उन्हें ही जाता है । 2002 से 2007 एपीजे अब्दुल कलाम भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति रहे अब्दुल कलाम भारत के पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जो कुंवारे थे और शाकाहारी थे ।
एपीजे अब्दुल कलाम को प्रतिष्ठित नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण 1981 में पद्मविभूषण 1990 में और भारत में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न 1997 में सम्मानित किया जा चुका है । अब्दुल कलाम भारत रत्न से सम्मानित होने वाले भारत के तीसरे राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की बायोग्राफी विंग्स ऑफ फायर (wings of fire) एन आटोबायोग्राफी पहली बार अंग्रेजी में छपी थी बाद में फ्रेंच और चीन समेत 13 भाषाओं में इस किताब का अनुवाद किया गया था । एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन और उनके किए कामों पर ही आत्मकथाएं एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को मेघालय की शिलाओं में हुआ था ।
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