Bangladesh के छात्रो को किस बात का हैं मलाल ?

Bangladesh के छात्रो को किस बात का हैं मलाल?
Sheikh Hasina's Government Fell In Bangladesh

Bangladesh Students Disappointed : 5 अगस्त 2024 वह तारीख जिस दिन बांग्लादेश (Bangladesh) में शेख हसीना की सरकार गिरी थी । बांग्लादेश में इतने बड़े तख्ता पल्ट के पीछे के मुख्य वजह छात्रों के प्रोटेस्ट को बताया गया । आरक्षण विरोधी आंदोलन ने ऐसा उग्र रूप लिया कि सत्ता को घुटनों पर आना पड़ा ।

महीने भर से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल ये लोग अपने आंदोलन के सफल होने से खुश थे लेकिन अब इनमें से ही कई छात्र बांग्लादेश की तस्वीर देखकर निराश भी हैं शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुकी हैं सरकार भी जा चुकी है ।

        Sheikh Mujibur Rahman

अब बांग्लादेश के लोगों को बांग्लादेश के पूर्व बड़े नेता राष्ट्रपिता कहे जाने वाले मुजीबुर रहमान (Mujibur Rahman) का पुतला गिराए जाने का अफसोस है । जिस तरह से बांग्लादेश में Violence हुआ उसका मलाल है ।

एक रिपोर्ट में शुभजीवन के पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर तस्नीम सिद्दीकी का जिक्र किया । तस्नीम ने कहा शेख हसीना ने सालों साल विपक्ष को दबा कर रखा लेकिन सब कुछ हो जाने के बाद सामने आए एक तस्वीर ने हमारी आंखों में आंसू ला दिए उन्होंने कहा शेख हसीना ने इतने सालों तक विपक्ष को दबा कर रखा था लोगों को लगता था कि वह अजय हैं लेकिन जब छात्रों को दबाया गया तो उन्होंने सरकार गिरा दी ।

प्रोटेस्ट कर रहे लोगों में छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया था । इस घटना ने आग में घी का काम किया और प्रदर्शन करने वाले छात्रों का गुस्सा बेहद बढ़ गया लेकिन जब मुजीब का पुतला गिराया गया तब हम रोए थे । उस वक्त जो हो रहा था उस पर किसी का कंट्रोल नहीं था ।

जिस पुतले के गिराए जाने का इतना अफसोस किया जा रहा है वो प्रतिमा शेख मुजीबुर रहमान की थी उन्हें बांग्लादेश (Bangladesh) का राष्ट्रपिता भी कहा जाता है । 5 अगस्त की शाम को ढाका में प्रदर्शनकारियों ने उनकी प्रतिमा को गिरा दिया था एक प्रदर्शनकारी पुतले पर पेशाब करता भी दिखा था ।

इस घटना की दुनिया भर के तमाम देशों ने निंदा की थी । बांग्लादेश में उस वक्त जो तस्वीरें आ रही थी वो बेहद अंधे तरीके से इन तमाम घटनाओं को अंजाम दे रहा था उन्हीं घटनाओं पर वहां के कुछ छात्र और टीचर्स अब कह रहे हैं कि शायद उस वक्त उनसे गलती हुई देश में कुछ ऐसा हुआ जिसने वो तस्वीर बहुत खराब तरीके से प्रेजेंट की ।

बांग्लादेश (Bangladesh) में जो स्टूडेंट्स पहले प्रोटेस्ट में शामिल थे वही अब देश की व्यवस्था संभालते दिख रहे हैं । छात्रों का कहना है कि सरकार गिरने के बाद पुलिस भी अपना काम नहीं कर रही ऐसे में छात्रों को ही सड़क पर उतरना पड़ रहा है क्योंकि पिछले कई दिनों से वहां से कई हिंसक तस्वीरें सामने आ रही हैं ।

अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार एम सखावत हुसैन ने आदेश दिया है कि 19 अगस्त तक प्रदर्शनकारी वह सारे हथियार सरेंडर कर दें जिनका इस्तेमाल प्रोटेस्ट के दौरान किया गया था । 19 तारीख के बाद अगर किसी के पास हथियार मिले तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा । इस वक्त बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के नए प्रमुख के तौर पर नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस को चुना गया है ।

5 अगस्त को इस्तीफा देकर शेख हसीना भारत आ गई थी । भारत आने के बाद उन्होंने 11 तारीख को पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी उन्होंने बांग्लादेश हिंसा के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया हसीना ने बांग्लादेश के नाम एक पत्र भी लिखा हसीना ने कहा “अगर मैंने सेंट मार्टिन आइलैंड और बंगाल की खाड़ी का कंट्रोल अमेरिका को दे दिया होता तो हो सकता है कि मैं सत्ता में बनी रहती बांग्लादेशियों से अनुरोध है कि वो कट्टरपंथियों के बहकावे में ना आए मैंने कभी भी आपको रजाकार  नहीं कहा मेरे शब्दों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया । आपके डर का फायदा उठाया गया है मुझे विश्वास है कि आप एक दिन इसका एहसास कर पाएंगे मेरा स्टाफ जो वहां है वो हिम्मत ना हारे अवामी लीग बार-बार खड़ी हुई है । आपने इसे बनाया है निराश मत होइए मैं जल्द वापस लौटूंगी । हार मेरी है लेकिन जीत बांग्लादेश के लोगों की जिनके लिए मेरे पिता और मेरे परिवार ने अपनी जान दी । “

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