Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट (Budget) से बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं को काफी उम्मीदें थी । युवा वर्ग की ओर से लगातार सरकार से इस दिशा में मजबूत कदम उठाने की अपील की जा रही थी जिस पर लगता है अब सुनवाई हुई है ।
बजट में शिक्षा के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 करोड़ 48 लाख का बजट पेश किया । यह पिछले बजट से 32 % ज्यादा है साथ ही युवाओं के लिए बजट भाषण में वित्त मंत्री ने नौकरियों और स्किल ट्रेनिंग (Skills training) से जुड़ी पांच स्कीम्स का ऐलान किया ।
First Time Employment Scheme :
इस स्कीम से 110 लाख युवाओं को मदद दी जाएगी इसमें 1 लाख से कम सैलरी होने पर EPFO में पहली बार रजिस्टर करने वाले लोगों को 15000 रूपये की मदद तीन किस्तों में दी जाएगी । ये किस्तें DBT के जरिए सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होंगी ।
Job creation in manufacturing :
इस स्कीम के तहत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़ने वाले फर्स्ट टाइम एम्प्लॉइज को EPFO जमा के आधार पर पहले 4 साल इंसेंटिव मिलेगा । इसका फायदा नियोक्ता को भी दिया जाएगा ।
Support to Employer :
इस स्कीम से सरकार एम्प्लॉइज का बोझ घटाने का काम करेगी इसके तहत नए कर्मचारियों के EPFO कंट्रीब्यूशंस पर एम्प्लॉइज को 2 साल तक हर महीने 3000 रूपये का रीइंबर्समेंट मिलेगा ।
Participation of women in workforce :
नौकरियों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए वर्किंग वुमेन हॉस्टल बच्चों के क्रेच और वीमेन स्किलिंग प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे ।
skilling :
इसमें 1 करोड़ युवाओं को 5 साल में स्किल्ड किया जाएगा । 1000 इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट अपग्रेड किए जाएंगे हर साल 25000 स्टूडेंट्स को स्किलिंग लोन का फायदा दिया जाएगा साथ ही सरकार 500 टॉप कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप दिलाएगी ।
इंटर्नशिप के दौरान 5000 रूपये हर महीने युवाओं को दिया जाएगा और जिन स्टूडेंट्स को सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है उन्हें देश भर के संस्थानों में एडमिशन के लिए 10 लाख तक के लोन में सरकारी मदद मिलेगी ।
सालाना लोन पर ब्याज का 3 % पैसा सरकार देगी इसके लिए e-vouchers लाए जाएंगे जो हर साल 1 लाख स्टूडेंट्स को दिए जाएंगे ।
मोदी सरकार के पहले दो कार्यकाल में स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया मिशन के जरिए युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कई कदम उठाए गए पर वह कदम जमीन पर नाकाफी ही साबित हुए हैं ऐसे में युवाओं को इस बार उम्मीद है कि सरकार उनकी भलाई के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए जो गंभीरता पूर्वक जमीन पर उतारे जा सके ना कि केवल हवाहवाई बनकर रह जाए ।
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