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Farmers मानसून को लेकर क्यों रहते हैं परेशान ?
1950 के दशक की प्रतिष्ठित फिल्म, दो बीघा जमीन, की सबसे स्थायी छवियों में से एक इसका पोस्टर था जिसमें एक सीमांत किसान (Farmers) का परिवार उत्सुकता से आसमान की ओर देख रहा था, उम्मीद कर रहा था कि बारिश उनकी आजीविका का एकमात्र स्रोत को बर्बाद होने से बचा लेगी ।
सात दशक बाद, भारत में लाखों छोटे और सीमांत किसानों (Farmers) के अस्तित्व के लिए समय पर बारिश का महत्व महत्वपूर्ण बना हुआ है, खासकर उन लोगों के लिए जो खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों पर निर्भर हैं । इसलिए, साल-दर-साल मानसून की प्रगति को बहुत चिंता के साथ देखा जाता है ।
अप्रैल में, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भविष्यवाणी की थी कि 1971-2020 के दौरान वर्षा के आंकड़ों के आधार पर, 2024 दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में वर्षा 870 मिमी की “दीर्घकालिक औसत” का 106 प्रतिशत होगा ।
यह परिदृश्य मार्च में विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा किए गए आकलन पर आधारित था कि प्रशांत महासागर में अल नीनो जलवायु पैटर्न, जो अन्य चीजों के अलावा, दक्षिण एशिया सहित कई क्षेत्रों में वर्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, 2023 के अंत में था।
डब्लूएमओ WMO के आकलन को अधिक सटीक रूप से पढ़ने का मतलब है कि भारत में मानसून के बाद के चरण में बेहतर बारिश होगी।
अल नीनो का असर धीरे-धीरे खत्म –
WMO के आकलन के तीन महीने बाद, ऐसा प्रतीत होता है कि अल नीनो का प्रभाव धीरे-धीरे ख़त्म हो रहा है । देश के बड़े हिस्से में मानसून के आने में देरी हुई है ।
मानसून आमतौर पर दक्षिणी राज्यों में 1 जून के आसपास शुरू होता है और जुलाई के पहले सप्ताह तक देशभर में फैल जाता है। इससे किसानों (Farmer) को बाजरा, कपास, मक्का, दालें, सोयाबीन और गन्ने के अलावा सबसे महत्वपूर्ण अनाज चावल सहित ख़रीफ़ फ़सलें बोने की अनुमति मिलती है।
इस वर्ष, मानसून केरल में दो दिन पहले आया, लेकिन इसकी प्रगति धीमी हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप जून के मध्य तक अपर्याप्त कवरेज हुआ है। देरी का असर खरीफ फसलों की बुआई पर पड़ेगा।
आईएमडी के नवीनतम आकलन में कहा गया है कि 18 जून तक पूरे देश में बारिश “64.5 मिमी थी जो कि इसकी लंबी अवधि के औसत (एलपीए) 80.6 मिमी से 20 प्रतिशत कम थी”।
दक्षिणी राज्यों को छोड़कर, अन्य सभी क्षेत्रों में मध्यम से उच्च स्तर की वर्षा की कमी थी। 70 प्रतिशत की कमी के साथ उत्तर पश्चिम क्षेत्र सबसे बुरी तरह प्रभावित है, जबकि मध्य भारत में 31 प्रतिशत की कमी है।
सूखापन और गर्मी चिंताजनक संकेत –
इन क्षेत्रों में न केवल वर्षा बहुत कम थी, बल्कि किसान (Farmer) अत्यधिक गर्मी की लहरों से भी पीड़ित थे, जिससे बारिश आने के बाद किसानों (Farmers) के लिए रोपण शुरू करने की स्थिति बदतर हो गई थी। कृषि क्षेत्र के लिए ये चिंताजनक संकेत हैं।
कम बारिश से सबसे अधिक प्रभावित राज्य भारत के कुल चावल उत्पादन का एक चौथाई से अधिक उत्पादन करते हैं और बाजरा, सोयाबीन, गन्ना और दालों के भी प्रमुख उत्पादक हैं ।
जून के पूरे महीने में बारिश की संभावनाएं कुछ हद तक बेहतर हैं, आईएमडी ने “लंबी अवधि के औसत” की तुलना में आठ प्रतिशत की कमी की भविष्यवाणी की है और इसका प्रमुख फसलों के उत्पादन के स्तर पर गंभीर प्रभाव नहीं पड़ सकता है । मानसून लगातार कमजोर हो रहा है, जिससे चावल के उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है ।
दो घटनाक्रम सरकार को अल्पकालिक घरेलू चावल आपूर्ति बाधाओं से निपटने में मदद कर सकते हैं । सबसे पहले, भारतीय खाद्य निगम के पास वर्तमान में 50 मिलियन टन (एमटी) चावल है, जो 1 जुलाई के 13.5 मिलियन टन के बफर से लगभग चार गुना अधिक है।
दूसरा, सरकार ने घरेलू आपूर्ति की कमी को रोकने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए जुलाई 2023 में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालाँकि, साथ ही, सरकार ने कुछ देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए सीमित निर्यात की अनुमति दी।
भारत सरकार के वाणिज्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में चावल निर्यात में एक साल पहले की तुलना में लगभग 26 प्रतिशत (6 मिलियन टन) की गिरावट आई है। संकेत हैं कि चालू वित्त वर्ष में भी निर्यात पर रोक जारी रहेगी ।
सिंचाई के मुद्दे –
यह एक अच्छा कारण है कि भारत के किसानों (Farmers) का एक बड़ा वर्ग अभी भी मानसून पर निर्भर है । हरित क्रांति शुरू होने के पांच दशक से भी अधिक समय बाद भी कई राज्यों में सिंचाई सुविधाएं काफी अपर्याप्त हैं ।
2019-20 में, नवीनतम वर्ष जिसके लिए डेटा उपलब्ध है, 65% चावल उत्पादन सिंचाई के तहत था। यह आंकड़ा भ्रामक है क्योंकि सिंचाई सुविधाओं की उपलब्धता के संबंध में राज्यों के बीच काफी भिन्नताएं थीं ।
सबसे बड़े चावल उत्पादक राज्य, पश्चिम बंगाल का 51 प्रतिशत क्षेत्र सिंचाई के अंतर्गत है, जबकि दो अन्य प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों, छत्तीसगढ़ और ओडिशा का क्रमशः 37 प्रतिशत और 32 प्रतिशत है।
एनडीए सरकार बाजरा की खपत को लोकप्रिय बना रही है, लेकिन भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख किस्में, ज्वार और बाजरा, व्यापक सिंचाई के अंतर्गत नहीं हैं। 2019-20 में, ज्वार उत्पादन का केवल 11 प्रतिशत सिंचाई के अंतर्गत था, जबकि बाजरा के लिए, यह 15 प्रतिशत से थोड़ा अधिक था।
देश में सिंचाई की कमी कृषि को समर्थन देने वाले अपर्याप्त बुनियादी ढांचे का परिणाम है। वर्षों से, कृषि को देश के कुल निवेश का उत्तरोत्तर छोटा हिस्सा प्राप्त हुआ है। 1950 के दशक में, कृषि का हिस्सा लगभग 25 प्रतिशत था, लेकिन चार दशक बाद, हिस्सा आधा हो गया था।
1991 के बाद कृषि में निवेश का हिस्सा लगातार एकल अंक में रहा है। 2021-22 में, नवीनतम वर्ष जिसके लिए यह आंकड़ा उपलब्ध है, कृषि की हिस्सेदारी छह प्रतिशत से नीचे थी।
जब तक सरकार पर्याप्त जल निकासी के साथ-साथ सिंचाई सुविधाओं को सुनिश्चित करके कृषि के विकास को प्राथमिकता देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाती, तब तक मानसून की अनिश्चितताएं भारत के अधिकांश किसानों की आर्थिक भलाई पर प्रतिकूल प्रभाव डालती रहेंगी।
Vikram Misri मिलिए भारत के नए विदेश सचिव से…
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में देश को नया विदेश सचिव (Foreign Secretary) मिल गया है देश के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पूर्व राजदूत विक्रम मिश्री (Vikram Misri) को भारत सरकार का अगला विदेश सचिव नियुक्त किया गया है । मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति का आदेश जारी करते हुए बताया कि 15 जुलाई से विक्रम मिस्री देश के विदेश सचिव बनेंगे । अभी देश के विदेश सचिव के पद पर विनय मोहन आसीन है हालांकि उनका कार्यकाल इस 30 अप्रैल को खत्म हो गया था लेकिन पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनका कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ा दिया था ।
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International Yoga Day: योग हम सभी को स्वस्थ जीवन पद्धति से जोड़ती है…
(International Yoga Day) रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने हजारों लोगों के साथ सामूहिक योग किया और स्वस्थ जीवन-शैली के लिए नियमित योगाभ्यास करने का संदेश लोगों को दिया।
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UGC-NET की परीक्षा हुई रद्द…
UGC-NET: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि उन्हें साइबर क्राइम (cyber crime) अधिकारियों से इनपुट मिलने के बाद 19 जून को यूजीसी नेट (UGC-NET ) परीक्षा रद्द करने का फैसला किया, जिससे पहली नजर में यह संकेत मिलता है कि परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया है।
NET जो राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा तथा प्रोफेसरशिप और अनुसंधान फेलोशिप के लिए लोगों का चयन करने हेतु आयोजित किया जाता है।
NTA ने 18 जून 2024 को देश के विभिन्न शहरों में UGC-NET की परीक्षा आयोजित की थी. यह परीक्षा दो पालियों में करवाई गई थी। हालांकि, परीक्षा संपन्न होने के साथ ही इसमें गड़बड़ी और धांधली के आरोप लगने लगे थे।
NEET को लेकर हुए विवाद से सीख लेते हुए सरकार ने तत्काल इसे रद्द करने का फैसला ले लिया. साथ ही मामले की जांच CBI को सौंप दी गई। मंत्रालय ने कहा, एक नई परीक्षा आयोजित की जाएगी और इस पर जानकारी अलग से साझा की जाएगी।
NEET-UG परीक्षा पर, मंत्रालय ने कहा कि उसने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जो राज्य में पेपर लीक(paper leak) के आरोपों की जांच कर रही है।
“सरकार इस रिपोर्ट के प्राप्त होने पर आगे की कार्रवाई करेगी।” उन्होंने कहा कि जो लोग “इस मामले में शामिल पाए जाएंगे, उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा”।
लगभग 24 लाख अभ्यर्थियों ने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए 5 मई को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी NEET-UG परीक्षा दी, लेकिन पेपर लीक के आरोपों और परीक्षा के संचालन में अनियमितताओं के कारण यह परीक्षा बाधित हो गई।
बिहार की आर्थिक अपराध इकाई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि इसकी अब तक की जांच में पेपर लीक होने का काफी हद तक संकेत मिला है और यूनिट के एक अधिकारी ने दावा किया कि चार उम्मीदवारों ने परीक्षा के प्रश्न प्राप्त करने की बात “कबूल” की है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले सप्ताह कहा था कि परीक्षा के आयोजन में “किसी भी कदाचार या अनियमितता की कोई गुंजाइश नहीं है” लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि “कुछ अनियमितताएं… कुछ विशिष्ट स्थानों से प्रकाश में आई हैं”।
PM Narendra Modi ने नालंदा विश्वविद्यालय परिसर का किया उद्घाटन…
PM Narendra Modi ने बुधवार (19 जून) को नालन्दा जिले के राजगीर में पुराने नालन्दा विश्वविद्यालय के खंडहरों के पास नालन्दा विश्वविद्यालय परिसर का उद्घाटन किया।
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नेहरू के बाद लगातार तीसरी बार शपथ लेने वाले, दूसरे पीएम बने नरेंद्र मोदी…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह पहले राजनेता बन गए हैं। हालाँकि, यह ग़लत है. नेहरू ने तीन बार नहीं बल्कि चार बार प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली – 1947, 1952, 1957 और 1962 में। जबकि 1962 का चुनाव स्वतंत्र भारत में होने वाला तीसरा चुनाव था, नेहरू 1947 से पहले ही प्रधान मंत्री थे।
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NEET 2024 पेपर लीक पर NTA को नोटिस, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
NEET UG 2024 पेपर लीक और इसकी CBI जाँच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को NTA से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने कहा है कि NTA दो हफ्तों के अंदर इस मामले पर अपना पक्ष रखे। अब इस मामले की सुनवाई 8 जुलाई को होगी। CBI जांच वाली याचिका हितेश सिंह कश्यप ने दायर की है।
उनका आरोप है कि गुजरात के गोधरा में जय जलराम परीक्षा केंद्र को चुनने के लिए students ने कर्नाटक ,ओडिशा और झारखंड आदि राज्यों में 10 – 10 लाख रुपए घूस दी थी। जिसके बाद उस परीक्षा केंद्र पर duty कर रहे teacher समेत पाँच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार teacher के पास से उन सभी 26 student की detail मिली है।
इसलिए इस मामले की CBI जाँच जरुरी है। NTA ने कोर्ट में कहा कि देश के साथ उच्च न्यायालय (high court) में NET को लेकर अलग – अलग याचिकाएं दायर की गई हैं।
अलग-अलग court के अलग-अलग फैसला सुनाने से छात्रों में भ्रम फैल सकता है। इसलिए ये सभी मामले सुप्रीम कोर्ट में transfer कर दिए जाएं। उम्मीद ऐसी जताई जा रही है की NEET exam में हुई गड़बड़ियो के खिलाफ देश भर में दायर याचिकाओं की सुनवाई भी सुप्रीम कोर्ट में transfer हो सकती है।
दरअसल student ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और इलाहाबाद उच्च न्यायालय (high court) समेत देश के 7 राज्यों के high court में exam में grace marks दिए जाने, score mismatch होने और अन्य गड़बड़ियो को लेकर याचिकाएं दायर की थी।
NTA की याचिका के बाद ये सभी मामले सुप्रीम कोर्ट में transfer हो सकते हैं। इस पर फैसला जो है वो अगली सुनवाई में होगा। इससे पहले गुरुवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने NTA के सुझावों को कोर्ट के सामने रखा। कोर्ट ने कहा कि grace marks रद्द किए जाएंगे और 1563 student को बिना grace marks के score card जारी किए जाएंगे।
इसके अलावा इन 1563 student को re exam का option भी मिलेगा। गुरुवार शाम को NTA ने re exam को लेकर notification भी जारी किया था।जिसके तहत re-exam 23 जून को होगा और result 30 जून तक घोषित हो जाएंगे।
NTA ने बताया कि 1563 candidate के score card cancel कर दिए गए हैं। इन सभी candidate को उनके original score जो है, वो email के जरिए भेज दिए जाएंगे। केवल उन्ही candidate को re exam में appear होना है, जिन्हें NTA का email आया है।
वहीं गुरुवार को supreme court की सुनवाई के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि नीट परीक्षा में paper leak का कोई सबूत नहीं मिला है। 1563 बच्चों की दोबारा परीक्षा के लिए कोर्ट ने जो तरीका सुझाया है, उसके मुताबिक ही काम होगा और हम कोर्ट के आदेश को स्वीकार करते हैं।
NTA में भ्रष्टाचार नहीं मिला है, ये बहुत ही विश्वसनीय संस्था है। उन्होंने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट मामले पर सुनवाई कर रहा है और हम उसके आदेश का पालन करेंगे।
हम ये सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी student का नुकसान न हो। सरकार कोर्ट में जवाब देने के लिए तैयार है। इस मुद्दे पर सरकार ने शिक्षण क्षेत्र से लोगों की committee बनाई है। इस committee की report को court में पेश किया जाएगा।
NTA ने देश में तीन परीक्षाएं, NEET, JEE और CUET सफलतापूर्वक आयोजित कराई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी ने कहा घटना में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कारवाई होगी।
Basic Rights क्यों नहीं मिल रहा है Pwd कैंडिडेट्स को…
हमारा देश भारत (India) तरक़्क़ी की कई उचाइयो को छू चुका है यहाँ तक कि हमारा India चाँद पे पहुँच गया है पर जमीन पर रहने वाले करोड़ो लोगों को हम अब तक basic rights नहीं दे पा रहे हैं। हम बात कर रहें हैं PWD(person with disabilities) लोगो की।
हमारे देश की सरकार Pwd कैंडिडेट्स के लिए कई प्रकार की स्कीम व अवसर लाते रहते है लेकिन हम सब जानते है कि इसका ज़मीनी स्तर पर क्या प्रभाव रहता है। हमारे कहने का मतलब यह है कि ज़मीनी स्तर पर pwd कई लोग, pwd के कारण मिलने वाले लाभों व अवसरों के बारे में जानते ही नहीं है।
Government और बाकी stake holders ने कई initiative लाए है। लेकिन अभी भी इसके लिए public places की universal accessibility/universal design में बहुत gap है। universal design एक ऐसी design technique होती है जो किसी भी जगह को daily task करने के लिए किसी भी उम्र और ability वाले इंसान के लिए accessible बनाती है।
एक organization है, National center for promotion of employment of disabled people जो specially abled लोगों के rights को protect करती है और इन्ही के specific issues को address करने के लिए इन्होंने campaign भी start किया है। मेरा वोट मेरा भारत जिसपे उन्होंने एक manifesto भी launch किया है।
जो political parties के manifestos होते है, ना केवल आपकी या मेरे मुद्दों के लिए ही नहीं, बल्कि disabled लोगों के जो important मुद्दे है उन्हें भी address करना चाहिए जैसे non discrimination, health care या राज्यसभा में disabled लोगों के लिए representation की भी बात करनी चाहिए।
आख़िरकार pwd कैंडिडेट्स भी हमारे ही देश के लोग है, हमारे ही भाई-बंधु है और हमारे देश का environment ऐसा होना चाहिए जिसमे पीडब्ल्यूडी कैंडिडेट्स भी ख़ुशी-पूर्वक जीवन जी सके।
National center for promotion of employment of disabled people organization का model manifesto आपको यहाँ 👉🏻 link click करके मिल जाएगा।
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Bhimrao Ambedkar के बारे में क्या आपको यह पता है?
Bhimrao Ambedkar: संविधान के निर्माता, दलितों के मसीहा और मानवाधिकार आंदोलन के प्रकांड विद्वता बाबा साहेब डॉक्टर भीमाराव अंबेडकर का जन्मदिवस हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है। डॉ. अंबेडकर की जयंती पर उनके जनकल्याण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया जाता है।
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