Union Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार 23 जुलाई को आया । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) का यह लगातार सातवां बजट था । आम चुनाव के बाद आए इस बजट में सरकार की घोषणाओं पर सबकी नजरें टिकी हुई थी ऐसे में किसानों को भी इस बजट से काफी उम्मीदें थी और सरकार ने उनके लिए भी कई अहम ऐलान किए हैं ।
निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में केंद्रीय बजट 2024 को पेश किया इस साल के बजट में किसानों का खास ध्यान रखा गया है और किसानों की कमाई में इजाफा करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं । बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है ।
इस फंड से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी इस दौरान निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के पिटारे से किसानों के लिए कई योजनाएं निकली बजट 2024 में केंद्र सरकार का फोकस कृषि की बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कृषि में तकनीकी को बढ़ावा देने, प्राकृतिक खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ाने पर रहा है ।
बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी और MSP को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है । डिजिटल सार्वजनिक और संरचना यानी कि DPI देश के 400 जिलों में DPI का उपयोग करते हुए खरीफ फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण किया जाएगा ।
पांच राज्यों में जन समर्थन आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे । झींगा मछली ब्रूड स्टॉक के लिए केंद्रीकृत प्रजनन केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्ती सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा । ग्रामीण अर्थव्यवस्था की वृद्धि और रोजगार सृजन में तेजी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सहयोग नीति तैयार की जाएगी ।
किसानों के लिए 32 कृषि और बागवानी में फसलों की 109 उच्च पैदावार और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी आवश्यकता आधारित जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे देश भर में 1 करोड़ किसानों को प्रमाणीकरण और ब्रांडिंग के माध्यम से प्राकृतिक खेती की शुरुआत की जाएगी ।
अंतरिम बजट में किए गए ऐलान –
अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने का ऐलान किया था । इसके साथ ही सभी कृषि जलवायु क्षेत्रों में नैनो डीएपी के इस्तेमाल के विस्तार की बात कही थी । तिलहनों के लिए ‘आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए आत्मनिर्भर तिलहन अभियान’ शुरू करने का ऐलान किया गया था ।
डेयरी विकास के लिए व्यापक कार्यक्रम बनाने की बात भी वित्त मंत्री ने कही थी । जलीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने निर्यात दोगुना करने और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने की चर्चा की गई थी । मत्स पालन के क्षेत्र के लिए पांच एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित करने का भी ऐलान वित्त मंत्री ने किया था ।
2023 के बजट में किए गए ऐलान –
सरकार ने पिछले बजट में किसान वर्ग के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाने का ऐलान किया था जिसके ग्रामीण इलाकों में कृषि आधारित स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है । भारत को श्री अन्न का ग्लोबल हब बनाने के लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद में रिसर्च को बढ़ावा दिया जा रहा है ।
पशुपालन डेरी और मत्स्य पालन के लिए 20 लाख करोड़ के कृषि क्रेडिट का ऐलान किया गया था साथ ही पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत 6000 करोड़ के विनिवेश का लक्ष्य तय किया गया था । इसमें मछुहारों, मछली वेंडर्स और मछली पालन से जुड़े छोटे और मध्यम बिजनेस और सप्लाई चेन को बढ़ाने में मदद की जाएगी ।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 11.4 करोड़ किसानों के खाते में 2.2 लाख करोड़ रुपए जमा किए गए थे । कृषि तकनीक आधारित और कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने और विकास के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर का गठन किया गया ।
देश में 63000 प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटी को 216 करोड़ से कंप्यूटराइज किया जा रहा है । किसानों के लिए बड़े पैमाने पर विकेंद्रीकृत स्टोरेज क्षमता का निर्माण किया जा रहा है । गोवर्धन योजना के तहत 500 नए वेस्ट टू वेल्थ बायोगैस प्लांट बनाने का ऐलान किया गया था इसके लिए 10000 करोड़ का प्रावधान किया गया था ।
मनरेगा योजना के तहत 25000 करोड़ के बजट का ऐलान किया गया । साथ ही सक्षम आंगनवाड़ी और पौधरोपण नेशनल हेल्थ प्रोग्राम और समग्र शिक्षा योजना इसके साथ ही समर्थ योजना और स्वच्छ भारत मिशन के तहत 45000 करोड़ का आमंत्रण किया गया था । 1 करोड़ किसानों को अगले 3 सालों में जैविक खेती अपनाने के लिए 10000 बायो इनपुट रिसोर्सेस सेंटर बनाने का ऐलान हुआ था ।
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