NOTA (None of The Above) क्यों ना दबाए : भारत में सभी चुनावों में NOTA का ऑप्शन दिया जाता है। ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साल 2013 में वोटरों को None of the Above यानी NOTA का विकल्प दिया गया। जरा इस बात को सोचिए की हमारे देश का नेता कैसा होना चाहिए? क्या वह एक criminal हो ? लोकतांत्रिक सुधारों के लिए एसोसिएशन ADR (association for democratic reforms) जो की एक non profit organization है। इसके रिपोर्ट के अनुसार 2014 के लोकसभा election के 30% winners ऐसे थे, जिनके खिलाफ criminal records थे। जो 2019 तक आते आते 43 % तक पहुँच गए थे।
उम्मीदवारो की पहचान –
हमें यह समझना बहुत आवश्यक है की criminal case होना और सच में criminal होने में क्या अंतर (difference) है। अधिकतर ( mostly) देखा गया है की विपक्षी दल (opposition party) सामने वाले candidates को बदनाम करने के लिए उनके ख़िलाफ़ fake cases भी file करा देते हैं तब यह जानना बहुत कठिन (difficult) हो जाता है कि कौन सच में criminal है और किसके खिलाफ fake case file किया गया है।
ऐसे में नोटा आपकी मदद करता है, अगर आपको सच में ऐसा लगता है की सामने वाला candidate clean नहीं है तो आप उसे अस्वीकार (reject) कर सकते हैं।
बहुत लोगों का कहना ये था की हम तो A apolitical है। इस word का मतलब होता है not interested in politics। वहीं इसका दूसरा मतलब यह भी होता है की ना मुझे BJP पसंद है ना मुझे congress पसंद है और ना ही कोई और पोलिटिकल पार्टी या कैंडिडेट। इसलिए मैं vote नहीं करता या बिना किसी candidates को जाने परखे मैं NOTA पे vote देकर आ जाता हूँ।
चुनाव में नोटा का महत्त्व –
चुनाव में NOTA से किसका भला हो रहा है? इससे ना तो मेरी मदद हो रही है और ना आपकी ना ही देश की। हमें 5 साल में सिर्फ एक बार मौका मिलता है vote देने का। उस vote को NOTA दबा के क्यों waste करना जब नोटा का final result पे कोई असर ही नहीं ।
जब सुप्रीम कोर्ट ने नोटा का option लाया था तब उनका मकसद यह था की एक व्यवस्थित परिवर्तन (systematic change) लाया जाए। ताकि सारी political parties अब better और cleaner candidates launch करे। लेकिन इसका चुनाव के रिजल्ट पर या कैंडिडेट पर कोई फर्क़ ही नहीं पड़ता।
यदि कहीं पर केवल 100 वोट है जिसमे से 99 वोट NOTA पर और एक वोट किसी कैंडिडेट को मिल जाये तो वह कैंडिडेट जीत जाता है। जबकि 99 वोटर्स किसी को वोट देना चाहते ही नई। तो जब तक NOTA का result या कैंडिडेट पे कोई प्रभाव नहीं डालता है तब तक अपने vote को क्यों waste करना।
Leave a Reply