अमेरिकी पत्रकार का ऐसा सवाल ? मोदी को पानी पीला दिया ! दोस्तों अमेरिका के पत्रकार ने PM मोदी से जो सवाल पूछा उसे सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पानी पीना पड़ गया।
अमेरिका के पत्रकार हमारे देश के PM को लोकतंत्र(democracy) का पाठ पढ़ा रहे है। वहाँ के पत्रकार हमारे देश के प्रधान मंत्री को अल्प-संख्यक समुदाय का हाल बता रहे है। लेकिन सवाल तो ये भी उठता है की क्या अमेरिका के प्रधानमंत्री ने ग़लत सवाल पूछा। बिल्कुल नहीं! दोस्तों अगर हमारे यहाँ कि मीडिया रोज़ प्रधानमंत्री से ऐसे सवाल पूछती इन घटनाओं को लेकर तो शायद ऐसी नौबत नहीं आती की दूसरे देश के पत्रकार हमारे देश के प्रधानमंत्री से ऐसे सवाल पूछते।
अमेरिका के पत्रकार ने कहा की आपके यहाँ से लगातार ऐसी घटनाएँ सामने आ रहे है की लोग कहते है “कहने को तो लोकतंत्र है लेकीन यहाँ अल्पसंख्यक समुदाय के साथ भेद-भाव किया जाता है “। अमेरिकी पत्रकार के इस सवाल पर PM मोदी सकपका गये, पहले तो पानी पिया लेकिन उसके बाद सीना तान कर जवाब दिया की अल्पसंख्यक समुदाय के साथ भारत में किसी भी प्रकार का भेद-भाव नहीं होता है। न किसी जाती के साथ, न किसी धर्म के साथ, न किसी वर्ग के साथ और ना ही भौगोलिक दृष्टि से भी कोई भेद-भाव नहीं होता है।
दोस्तों! प्रधान मंत्री ने यह बोल तो दिया लेकिन क्या सच में हमारे यहाँ ऐसे हालात है ? हम सभी जानते है कि शाहरुख़ ख़ान, आमिर ख़ान के फ़िल्मो का कैसा विरोध होता है क्योकि इन फिल्मो के कलाकार मुस्लिम समुदाय से तालुकात रखते है।हमारे देश के प्रधानमंत्री ने भले ही ये जवाब दिया की कोई भेद-भाव नहीं होता है लेकिन हकीकत तो यही है कि भेद-भाव होता है। हमारे देश का मीडिया हाउस भी अपने TRP के लालच में हिंदू-मुस्लिम जैसे मुद्दों को ही उठाते है। हमारे देश की मीडिया तो उन मुद्दों को भी उठाती है जो जूठे(clickbait) होते है। ऐसे में हम अपने देश के मीडिया हाउस से और क्या ही उम्मीद कर सकते है जिन्होंने अपने पहचान को ही बेच डाला है।
अगर कोई मुस्लिम, हिंदू लड़की से शादी करता है तो लव-जिहाद हो जाता है और अगर कोई हिंदू, मुस्लिम लड़की से शादी करता है तो कहा जाता है कि घर वापसी करा रहे है। तो ये भेद-भाव नहीं तो क्या है ? क्या हम इस कड़वी हक़ीक़त से आँख मूँद सकते है? अगर हमारे देश की मीडिया अच्छी होती तो ऐसी नौबत नहीं आती।
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